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जब यमराज आए राम-लीला मैदान

सुनो अन्ना
सुनो अन्ना
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आदरणीय अन्ना अंकल,
तेज़ शोर से काम में विघ्न पडा तो धर्मराज चिल्लाए थे “ कोई बताएगा कि धरती के तुच्छ प्राणी इतना कूकर-हांव क्यों मचा रहे हैं ?“
द्वारपाल ने बताना चाहा “ सर, रामलीला मैदान में….“
धर्मराज प्रसन्न हुए “ अच्छा,राम लीला हो रही है.इसका मतलब लोग अभी धर्म-कर्म भूले नहीं हैं “
द्वारपाल झिझकने लगा “नहीं सर, काहे की राम लीला ! वहां तो किसी बिल पर जूत्तम पैज़ार हो रही है.”
धर्मराज सोच में पड गए और मूर्ख प्राणियों पर तरस खाने लगे.फिर थोडा विचार करके बोले “ उन्हे समझाओ कि हर कोई अपना अपना बिल खोद कर उसमें रह ले.मैं तो कहता हूं इतनी देर में खोद ही डालते.“
द्वारपाल बोला “ नहीं सर, झगडा इस बात का है कि हर कोई यही कह रहा है कि उसके द्वारा खोदा गया बिल ही फनियर को बाहर निकालने में सक्षम है, दूसरे का बिल मात्र चूहों को ही बाहर निकाल पायेगा “
धर्मराज बोले “ बिल यानि पापियों का सज़ा देने का कानून ? तो क्या उनका यह कानून अपने उस “परलोकपाल“ से भी कोई बडी तोप है जो हमने लाखों वर्ष पहले मुनियों से शास्त्रों में लिखवा दिया था ? ये नालायक अपने शास्त्र क्यों नहीं पढते ?“
द्वारपाल बोला “ सर,पहले नानी दादी कहानी के माध्यम से बच्चों को परलोक पाल का ज्ञान दे दिया करती . उन्हे तो वहां के लोग अनाथाश्रम छोड आते हैं, मां-बाप पैसा कमाने की होड में पूरा दिन बाहर. ऐसे में मोबाइल फोन बच्चों की माता हैं, और टी वी उनके पिता. बच्चे क्या जानें कि परलोक पाल क्या होता है ?“
समस्या गंभीर लगी तो उन्होने द्वारपाल से पूछा“ ये भूलोक के प्राणी किसी की शर्म नहीं करते ?“
द्वारपाल बोला.“ सर, धरती के कलयुगी अभी अपनी गर्ल-फिरेंड की शर्म तो करते हैं. हां, डरते हैं सिर्फ पुलिस से.“
पुलिस का नाम सुना तो धर्मराज ने यमराज को आदेश दे दिया कि वे रामलीला मैदान जाएं और केस फाईल करवायें“
यमराज वर्दी पहन कर अपने वाहन भैंसे पर सवार होकर राम लीला मैदान चले तो शरमा रहे थे कि लोग उनसे डर जायेंगे. लेकिन यह उनकी भूल थी रामलीला मैदान के गेट पर चैनल वालों के कैमरामैन के हाथ यूं उठ गए जिस तरह सांप क्रोध में आकर सिर उठा लेता है. तेज रोशनी की चमक से भैंसा डर कर वापिस भाग लिया लेकिन तब तक कैमरे यह नज़ारा कैद कर चुके थे. एक चैनल पर एक बहुत सुंदर एंकर खराब हिंदी उच्चारण में चिल्ला रही थी “ यह था अन्ना समर्थक जिसे सरकार को नींद से जगाने के लिए यह अजीबो-गरीब रूप धारण करना पडा यह फोटो सिर्फ हमारे चैनल पर है “
दूसरे चैनल पर उससे भी सुंदर एंकर उससे भी खराब हिंदी उच्चारण में चिल्ला रही थी “ यह था वही “उपद्रवी“ जिसे सरकार ने शान्तिपूरण आंदोलन को कुचलने के लिए भेजा था लेकिन अन्ना के बहादुर समर्थकों ने गेट से ही वापिस भागने को मज़बूर कर दिया. यह फोटो सिर्फ हमारे चैनल पर है “
यमराज मुंह लटका कर वापिस आए तो धर्मराज समझ गए.बोले“तो तुम्हारा डर भी खत्म ? अब क्या होगा ?“
यमराज बोले “ वही होगा जो चैनल वाले चाहेंगे. स्टुडियो में एक्सपर्ट आयेंगे,बहस चलेगी कि मैं कौन था ?”
धर्मराज बोले “ यह बहस कब खत्म होगी ?“
यमराज बोले “ जब तक उनके हाथ कोई इससे भी गर्मा-गर्म न्यूज नहीं लगेगी, वे मुझे ही घसीटेंगे “
धर्मराज ने विद्या की देवी सरस्वती ने निवेदन किया “ माता,किसी कन्या की यूनिवर्सीटी में प्रथम पाजिशन ला दो, कैमरे वाले उसे दिखाने लगेंगे. “
इस बार द्वारपाल बोला “ नहीं सर, ऐसे समाचार ब्रेकिंग न्यूज़ नहीं बनते. इसके लिए मुझे ही धरती पर जाना होगा, अगर आप अनुमति दें तो मेरे कारण वह कन्या टी वी पर छा सकती है “
धर्मराज बोले “ तुम वहां क्या ऐसा करोगे ?“
द्वारपाल सिर झुका कर बोला “ अब आपके सामने क्या कहूं ? आप खुद ही अंदाज़ा लगा लें तो बेहतर “
धर्मराज तब से अपना सिर खुजा रहे है कि द्वारपाल ऐसा क्या करेगा ?. वे भूल ही चुके कि धरती के तुच्छ प्राणी इतना कूकर-हांव क्यों मचा रहे हैं ?“
आपका अपना बच्चा,
मन का सच्चा,
अकल का कच्चा,
प्रदीप नील

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